Best 60+ Dosti Breakup Shayari in Hindi | दोस्ती ब्रेकअप शायरी

हम आपके लिए हिंदी में Dosti Breakup Shayari in Hindi का अपना दिल को छू लेने वाला संग्रह पेश करते हैं, जो उन लोगों को समर्पित है जो अपने सच्चे दोस्तों से बिछड़ने का दुख महसूस करते हैं।. यहाँ प्रत्येक शायरी आपकी भावनाओं के साथ गहराई से जुड़ने के लिए तैयार की गई है।.

ये विशेष Dosti Breakup Shayari आपको अपने दोस्तों के सामने अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में मदद करने के लिए हैं, जिससे उन्हें आपकी अनुपस्थिति का एहसास हो। इसके अलावा, उन्हें पढ़ने से आपको सांत्वना और समझ का एहसास भी होगा। तो, आइए इन मार्मिक छंदों में एक साथ गोता लगाएँ और साझा भावनाओं में आराम पाएँ।.

Dosti Breakup Shayari Collection हिंदी में दोस्ती ब्रेकअप शायरी

तुझे याद है ना दोस्त,
तेरे कई वादों में एक वादा उम्र भर साथ निभाने का भी था…!

कुछ पैसे बचा कर रक्खे है मैने,
ख्वाब टूटे तो दोस्तो के साथ शराब पियूंगा…!

मैं जानता हु अपने साथ बुरा कर रहा हु,
मेरे बस में होता तो मैं खुद को बचा लेता दोस्त…!

सबकी असलियत से वाकिफ है हम,
खामोश है अंधे नही…!

दर्द की बात मत करो जनाब,
जिसने भी दिया है बेमिसाल दिया है…!

एक शख्स ऐसा टकराया जिंदगी में,
जिसने जान भी लेली और जिंदा भी छोड़ दिया…!

बोहोत थे मेरे भी इस दुनिया में,
फिर हुआ इश्क और मैं लावारिस हो गया..!

सुना है सब कुछ मिल जाता है गूगल पर,
अगर वफा मिले तो मुझे भी बताना..!

मैं डूबा तो समुन्दर को भी हैरत हुई,
अजीब सक्स है किसी को पुकारा भी नही…!

Best Dosti Breakup Shayari in with image दोस्ती ब्रेकअप शायरी

परेशानियां तो हर किसी की जिंदगी में है साहब,
उदासिया चेहरे पर दिखाई दे ये जरूरी तो नहीं…!

जब भी पीछे मुड़कर देखता हूँ,
कुछ सपने दम तोड़ते हुए नज़र आते हैं…!

मेरी हसी पे ज्यादा ध्यान मत देना,
मैं खुद को बरबाद करके बैठा हु…!

मेरे बारे में जितनी भी अफवाये सुनी सब सच है,
मैं जो भी अपनी सफाई में में कह रहा हु सब झूठ है…!

कैसे करू मैं खुद को तेरे काबिल ए जिंदगी,
जब भी मैं आदतें बदलता हु तू सरते बदल देती है…!

बोहोत बुरे दिन चल रहे है, आज अच्छा होगा कल अच्छा होगा,
यही सोच सोच कर समय काट रहे है…!

वक्त ने छीन ली चेहरे की चमक,
अब हम वैसे नही रहे जैसे पहले दिखते थे…!

2 Line Dosti Breakup Shayari

पता नही मेरी किस्मत किसने लिखी है,
हर चीज अधूरी छोड़ रक्खी है…!

मजबूरियां देर रात तक जगती है,
और जिम्मेदारियां शुभा जल्दी उठा देती है…!

पता नही कब खत्म होगी ज़िंदगी,
सच में अब जीने का मन नहीं करता…!

इतनी लंबी उम्र की दुआ मत मांग मेरे लिए,
ऐसा ना हो के तू भी छोड़ दे और मौत भी ना आए…!

कोई क्या लगाएगा मेरे बरदास करने का अंदाजा,
मैने मर जाने जैसा वक्त जी के गुजारा है…!

किसी और से नही मैं खुद से खफा हु,
अपने इस हाल की मैं खुद ही वजा हु…!

जिन लोगो के पास तुम्हारे लिए टाइम नही,
उनकी खास लिस्ट में तुम्हारा नाम नही…!

तेरी चाहत भी ए दोस्त बेमिसाल थी,
मुझे मौत से पहले मारने की अच्छी चाल थी…!

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