खतियान (Khatiyan), जिसे रिकॉर्ड ऑफ़ राइट्स या भूमि रजिस्टर भी कहा जाता है, किसी भी व्यक्ति के भूमि स्वामित्व का आधिकारिक दस्तावेज होता है। बिहार जैसे राज्य में, जहां भूमि विवाद आम हैं, खतियान एक कानूनी प्रमाण होता है जो यह बताता है कि किस व्यक्ति के पास कितनी जमीन है, किस प्रकार की है, और किस खाता संख्या में दर्ज है।
2024 में, बिहार सरकार ने भूमि से संबंधित सेवाओं को पूरी तरह से डिजिटल कर दिया है, जिससे आम नागरिक बिना किसी दलाल या कार्यालय में जाए अपने पुराने से पुराने खतियान को घर बैठे ऑनलाइन निकाल सकते हैं।
इस लेख में हम विस्तार से बताएंगे कि आप किस प्रकार घर बैठे, कंप्यूटर या मोबाइल से पुराना खतियान देख सकते हैं और डाउनलोड कर सकते हैं।
खतियान क्या होता है?
परिभाषा:
खतियान वह अभिलेख है जिसमें भूमि स्वामी का नाम, उसके द्वारा रखी गई भूमि की जानकारी, भूमि का क्षेत्रफल, किस्तें, और अन्य विवरण दर्ज होते हैं। यह दस्तावेज पटना के राजस्व विभाग द्वारा तैयार किया गया होता है।
खतियान क्यों आवश्यक है?
- भूमि की खरीद-बिक्री में वैधता प्रमाणित करने के लिए
- ऋण लेने के लिए भूमि प्रमाण पत्र के रूप में
- न्यायिक मामलों में भूमि स्वामित्व सिद्ध करने के लिए
- उत्तराधिकार में संपत्ति विभाजन के समय
बिहार सरकार की डिजिटल पहल
DLRS और भूमि पोर्टल:
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार सरकार ने DLRS (Directorate of Land Records and Survey) के माध्यम से Bihar Bhumi पोर्टल की शुरुआत की, जहां लोग अब खतियान, नक्शा, एल.पी.सी. (लगान पावती), और दाखिल-खारिज की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं।
डिजिटल खतियान के लाभ:
- कहीं से भी दस्तावेज़ एक्सेस
- कार्यालयों में चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं
- समय और धन की बचत
- पारदर्शिता और रिकॉर्ड की सुरक्षा
बिहार खतियान ऑनलाइन निकालने की प्रक्रिया (2024 अपडेट)
इस प्रक्रिया को अपनाकर आप किसी भी जिले का खतियान ऑनलाइन निकाल सकते हैं।
जिला और अंचल का चयन करें
सबसे पहले, आपको उस जिले और अंचल का चयन करना होगा जहाँ आपकी भूमि स्थित है।
मौजा (गांव) चुनें
मौजा वह गांव होता है जिसमें आपकी भूमि आती है। इसकी सूची पोर्टल पर उपलब्ध होती है। आप नाम या कोड से खोज सकते हैं।
खोज विकल्प चुनें
आप निम्नलिखित किसी एक आधार पर खोज कर सकते हैं:
- खाता संख्या से
- खेसरा संख्या से
- जमीन मालिक के नाम से
विवरण देखें और खतियान डाउनलोड करें
खोज के परिणाम में भूमि स्वामी का नाम, भूमि का क्षेत्रफल, खेसरा संख्या आदि दिखाई देगा। यहीं से आप खतियान पीडीएफ फॉर्मेट में डाउनलोड भी कर सकते हैं।
विशेष परिस्थितियों में पुराने खतियान कैसे प्राप्त करें?
1950 या उससे पहले के खतियान:
यदि आपकी जमीन का रिकॉर्ड बहुत पुराना है (जैसे कि 1932 या 1950 का खतियान), तो डिजिटल पोर्टल पर सीमित रिकॉर्ड उपलब्ध हो सकते हैं। इस स्थिति में:
- पुराने रिकॉर्ड के लिए “राजस्व रिकॉर्ड संग्रहण” विभाग से संपर्क करना पड़ सकता है
- कई जिलों में इन अभिलेखों को डिजिटाइज कर पोर्टल पर डाला जा रहा है, तो अद्यतन पोर्टल पर अवश्य जांचें
खतियान नंबर ज्ञात न हो तो क्या करें?
यदि आपको खतियान नंबर नहीं पता है, तो आप भूमि मालिक के नाम या मौजा के अनुसार खोज करके खतियान निकाल सकते हैं।
खतियान से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज
नक्शा (Land Map):
नक्शा द्वारा आप यह देख सकते हैं कि आपकी भूमि किस क्षेत्र में, किस भूखंड के पास स्थित है।
एल.पी.सी. (लगान पावती प्रमाण पत्र):
यह दिखाता है कि आपने अपनी भूमि पर लगान (भूमि कर) जमा किया है। यह भी ऑनलाइन उपलब्ध है।
दाखिल-खारिज स्थिति:
इससे यह ज्ञात होता है कि आपकी भूमि किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर तो दर्ज नहीं हो गई है।
खतियान निकालते समय ध्यान देने योग्य बातें
सही विवरण दर्ज करें:
नाम या खेसरा संख्या में गलती करने से गलत परिणाम आ सकते हैं। वर्तनी की सटीकता का ध्यान रखें।
पीडीएफ को सेव करें:
खतियान डाउनलोड करने के बाद उसका प्रिंट निकालें या सुरक्षित पीडीएफ के रूप में रखें।
सत्यापन करें:
यदि खतियान की जानकारी आपकी अपेक्षा से मेल नहीं खा रही है, तो अंचल कार्यालय में जाकर शुद्धिकरण करवा सकते हैं।
संभावित समस्याएं और समाधान
वेबसाइट खुल नहीं रही:
- इंटरनेट की गति धीमी हो सकती है
- वेबसाइट पर अधिक ट्रैफिक हो सकता है
- कुछ जिलों के रिकॉर्ड अभी अपलोड नहीं हुए हैं
खतियान नहीं मिल रहा:
- सही जिला, अंचल, मौजा नहीं चुना गया हो
- खेसरा या खाता नंबर गलत हो
- रिकॉर्ड अभी डिजिटल नहीं हुआ हो
पीडीएफ डाउनलोड नहीं हो रहा:
- ब्राउज़र की सेटिंग्स चेक करें
- मोबाइल में फाइल मैनेजर से देखें
- कभी-कभी CAPTCHA सही से नहीं भरने पर डाउनलोड विफल हो सकता है
खतियान और भूमि विवाद
खतियान का न्यायिक महत्व:
कोर्ट में चल रहे भूमि विवादों में खतियान एक मजबूत प्रमाण होता है। यह दिखाता है कि किसके पास कब से जमीन है और किस नाम पर दर्ज है।
उत्तराधिकार में उपयोग:
अगर कोई व्यक्ति मृत्यु के बाद अपनी संपत्ति उत्तराधिकार में बांटना चाहता है, तो खतियान यह स्पष्ट करता है कि किस खाता संख्या में कौन-सी भूमि है।
सरकारी योजनाओं और खतियान का संबंध
भूमि सर्वेक्षण और खतियान:
बिहार सरकार की “भूमि सर्वेक्षण योजना” के तहत खतियान के आधार पर नए नक्शे और भूखंड बनवाए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना:
इस योजना के अंतर्गत, खतियान की आवश्यकता होती है ताकि यह सिद्ध हो सके कि लाभार्थी के पास भूमि है।
किसान क्रेडिट कार्ड और खतियान:
किसानों को ऋण देने के लिए बैंक सबसे पहले खतियान की मांग करते हैं ताकि वे भूमि के मालिकाना हक की पुष्टि कर सकें।
निष्कर्ष
2024 में बिहार सरकार की डिजिटल सेवाओं के कारण, अब खतियान प्राप्त करना पहले से कहीं अधिक आसान हो गया है। पहले जहां लोगों को कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे, अब वे मोबाइल या कंप्यूटर से अपने गांव, खेसरा, और खाता संख्या के अनुसार पुराना से पुराना खतियान निकाल सकते हैं।
खतियान को सुरक्षित रखना और समय-समय पर उसकी स्थिति जांचते रहना बेहद जरूरी है, विशेषकर यदि आपकी भूमि पर कोई विवाद या सरकारी योजना लागू हो।


